Posts

Showing posts from May, 2024

सफलता

अनिकेश जी जैसे ही ऑफिस से घर आये वैसे ही पत्नी से   पूछा ' कार्तिक के रिजल्ट का क्या हुआ ?' रोहिणी जी ने बोली ' आप एक बार बात कर लीजिये उससे ' ' क्यों क्या हुआ ? तुम नहीं बता सकती   ?' ' क्या बताऊँ इस बार भी वह सफल नहीं हो पाया कह रहा था कि पापा के सपने को तोड़ दिया मन में ऐसा लग रहा खुद को फाँसी लगा लूँ या जहर खा लूँ '   सुनते ही अनिकेत जी ने घबराहट में बोले ' कैसी माँ हो तुम ये   क्यों बता रही हो तुरंत   कहना था ना अभी   फ़ोन लगाओ उसको ” ।   रोहिणी जी ने फोन लगाया पर फोन नहीं उठा।   अब दोनों बहुत घबरा गए। अनिकेत जी पागलों की ' तरह बार -बार उसे फोन करते रहे अंतिम में फोन उठा वीडियो पर कार्तिक का मुरझाया चेहरा साफ नज़र आ रहा था।   अनिकेत जी ने उसे डाँटते हुए   हुए पूछा ' फोन क्यों नहीं उठा रहे थे ' पापा किस मुँह से बात करूँ आपसे आपने मेरी हर जरूरत पूरी की लेकिन मैं फिर भी   आपका सपना पूरा न कर सका मुझे तो शर्म से मर ही जाना चाहिए ' अनिकेत रूंधे गले से बोले ' किस बात की शर्म कोई चोरी की तुमने ? किसी के साथ बदतमीजी  की है ? फिर

इलाज

    प्रियंका की सास जबसे उसके पास गाँव   से आयी है तब से उसने उनका बहुत ख्याल रखा समय पर दवा ऊपर के ए . सी . वाले कमरे में रहने की व्यवस्था सब कुछ।   लेकिन सास का स्वास्थ ठीक होने की बजाय पहले की अपेक्षा गिरता ही जा रहा   था जिसे देखकर बेटा बहू भी परेशान थे कि अब क्या करे ?   लोग तो यही कहेंगे कि   बहू -बेटे माँ का ध्यान नहीं रख रहे । एक दिन प्रियंका ने दवा देते वक्त सास से   पूछ ही लिया   ' माँ जी क्या आपको यहाँ कोई कमी है ? क्यों आप ठीक होने की बजाय और बीमार रहने लगी है ? लोग तो यही कहेंगे ना कि हम आप का ठीक से ध्यान नहीं रखते।   सास ने कहा “ बेटा तुम लोगो ने कोई कमी नहीं की है बस एक काम और कर दो “   वो क्या माँ जी ”? मेरा बिस्तर नीचे आँगन में लगवा दो '' ये आप क्या कह रही है माँ जी लोग क्या कहेंगे ? खुद सुख-चैन से कमरे में और सास को आँगन में छोड़ दिया हम ऐसा नहीं करेंगे ” कहकर प्रियंका चली गयी। दिन पर दिन   माँ जी की हालत में कोई सुधार न देखकर डॉक्टर बदले गए पर नतीजा वही। आख़िरकार थक - हार कर एक दिन मेरे बेटे बहू ने आपस में बात की “ पता नहीं माँ जी कितने