लोग क्या कहेंगे ?
मीनाक्षी ने जैसे ही हॉल में प्रवेश किया , दुल्हन को छोड़कर सबकी नज़रे उस पर टिक गई। और टिकती भी क्यों न , वह लग ही इतनी खूबसूरत रही थी । गोरा रंग रूप आकर्षक चेहरा और उस पर काले रंग की सा ड़ी में वह क़यामत ही लग रही थी। कोई भी आसानी से नजर नहीं चुरा सकता था। लोग कहते है उम्र बढ़ने के साथ खूबसरती कम हो जाती है , अगर ध्यान न रखा जाए पर चालीस की होने के बाद भी मीनाक्षी अभी भी पच्चीस -तीस के बीच की लगती थी। उसकी खूबसूरती से उसकी पड़ोसनों को ईर्ष्या भी होती थी। कुछ कहती "शादी की होती तो रंग रूप कब का ढल गया होता। कुछ कहती " शादी न हुई , फिर भी कितना चमक रही है। क्या भरोसा, आजकल शादी का इंतज़ार कौन करता है ? और ना जाने क्या -क्या ? मीनाक्षी की शादी मुहल्ले में कौतूहल का विषय थी। इतनी सुन्दर पढ़ी -लिखी , जरूर कोई चक्कर रहा होगा, या इसने ही सबको मना कर दिया होगा। जितने लोग उतनी सोच। तभी बैंड -बाजे की आवाज दरवाजे पर सुनाई देने लगती है। सभी दौड़कर दरवाजे की तरफ जाते है। हँसी -ख़ुशी का माह