इलाज
प्रियंका की सास जबसे उसके पास गाँव से आयी है तब से उसने उनका बहुत ख्याल रखा समय पर दवा ऊपर के ए . सी . वाले कमरे में रहने की व्यवस्था सब कुछ। लेकिन सास का स्वास्थ ठीक होने की बजाय पहले की अपेक्षा गिरता ही जा रहा था जिसे देखकर बेटा बहू भी परेशान थे कि अब क्या करे ? लोग तो यही कहेंगे कि बहू -बेटे माँ का ध्यान नहीं रख रहे । एक दिन प्रियंका ने दवा देते वक्त सास से पूछ ही लिया ' माँ जी क्या आपको यहाँ कोई कमी है ? क्यों आप ठीक होने की बजाय और बीमार रहने लगी है ? लोग तो यही कहेंगे ना कि हम आप का ठीक से ध्यान नहीं रखते। सास ने कहा “ बेटा तुम लोगो ने कोई कमी नहीं की है बस एक काम और कर दो “ वो क्या माँ जी ”? मेरा बिस्तर नीचे आँगन में लगवा दो '' ये आप क्या कह रही है माँ जी लोग क्या कहेंगे ? खुद सुख-चैन से कमरे में और सास को आँगन में छोड़ दिया हम ऐसा नहीं करेंगे ” कहकर प्रियंका चली गयी। दिन पर दिन माँ जी की हालत में कोई सुधार न देखकर डॉक्टर बदले गए पर नतीजा वही। आख़िरकार थक - हार कर एक दिन मेरे बेटे बहू ने आपस में बात की “ पता नहीं माँ जी कितने